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संकट के क्षणों में भी किसान की मुस्कुराहट को कायम रखेगी, प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा कवच है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, भले ही लीज या बटाई पर की हो खेती तो भी मिलेगा योजना का लाभ
देश में लागू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसान के हित में एक ऐसी योजना है, जो संकट के क्षण में भी किसान के चेहरे की मुस्कुराहट को कायम रखेगी। इस योजना की प्रमुख विशेषता यह भी है कि सभी किसान जहां इसका लाभ ले सकेंगे, वहीं इनमें ऐसे किसान भी लाभार्थी होंगे, जो बटाई, किराये या लीज पर खेती कर रहे हों। इस योजना में किसान को बीमित राशि पर नाममात्र की ही अंशराशि देनी होगी। फसल बोने के बाद बदले मौसम से फसल के नुकसान पर बीमे की 25 प्रतिशत राशि तुरन्त किसान को मिल जायेगी। फसल से होने वाली आय की सुरक्षा की गारंटी पहली बार किसानों को इस योजना से मिली है।
ओला, पाला, तूफान, बाढ़, सूखा, शुष्क अवधि, कीटव्याधि, प्राकृतिक आग आदि से होने वाले नुकसान भी योजना में शामिल किये गये हैं। ओला गिरने जैसी प्राकृतिक आपदा से जो नुकसान एक सीमित क्षेत्र में होता है, ऐसे खेतों के सर्वे के आधार पर दावों की गणना का प्रावधान योजना में रखा गया है। उप संचालक कृषि ने बताया कि फसल कटने के 14 दिन के अन्दर कटी फसल को असमय वर्षा से होने वाले नुकसान को योजना में शामिल किया गया है। खरीफ फसल के लिये मात्र दो प्रतिशत, रबी फसल के लिये मात्र डेढ़ प्रतिशत और वाणिज्यिक व उद्यानिकी फसलों पर मात्र पांच प्रतिशत का अंश ही किसान को बीमित राशि पर देना होगा। शेष वास्तविक प्रीमियम राशि बीमा कंपनी को भारत सरकार और राज्य सरकार देगी।
योजना की गणना की इकाई गांव होगी। फसल के दावों की गणना पिछले सात सालों की कटाई के आंकड़ों में से प्राकृतिक आपदा से नुकसानी वाले दो सालों के आंकड़े हटाकर पांच साल की उत्पादकता का औसत होगी। किसान की कृषि आय भी इस योजना में बीमित हो सकेगी। इस योजना में नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। रिमोट सेंसिंग तकनीक के प्रयोग के साथ राजस्व अधिकारियों को स्मार्टफोन दिये जा रहे हैं।